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राजस्थान के प्रसिद्ध मंदिर

राजस्थान के प्रसिद्ध मंदिर

राजस्थान भारत का बहुत ही धार्मिक और संस्कृति वाला राज्य है जहां आज भी लोग पूजा अर्चना में बहुत विश्वास रखते है। राजस्थान का हर मंदिर अपनी अलग विशेषता के साथ प्रदेश में आकर्षण का केंद्र बने हुए है। जिनके दर्शन करने हर रोज हजारों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं। अगर आप राजस्थान के सभी प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो हमारे इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े जिसमे हम आपको राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध मंदिर के बारे में बताने जा रहे है.....

राजधानी जयपुर के दर्शनीय स्थल

राजधानी जयपुर के दर्शनीय स्थल

राजस्थान राज्य की राजधानी पिंक सिटी के नाम से मशहूर जयपुर भारत का एक खूबसूरत पुराना शहर है। जयपुर समृद्ध वास्तुकला विरासत का अद्भुत नमूना है। जयपुर में आपको विरासत देखने को मिलेंगी। यहां राजसी इमारतें, वीरता की लड़ाइयों के किस्से, शानदार किले और महलों को देखने का अनुभव होगा। पिंक सिटी में आप हवा महल, सिटी पैलेस, आमेर फोर्ट, जंतर मंतर, अनेक प्रसिद्ध मंदिर, गार्डन जैसे मशहूर पर्यटन स्थलों का भ्रमण कर सकते हैं।

राजस्थान के महशुर किले, हवेलियां और महल

राजस्थान के महशुर किले, हवेलियां और महल

राजस्थान पर्यटन का पर्यावाची है, हर साल लाखों की तादाद में देशी और विदेशी पर्यटक इस खूबसूरत राज्य की यात्रा पर आते हैं। अपने वैभव शाली महलों और हवेलियों के लिए विख्यात राजस्थान पहले राजपुताना नाम से जाना जाता था। रंग - रंगीला राजस्थान अपनी खूबसूरती व रजवाड़ी शान के प्रतीक किलों और महलों के कारण हमेशा ही देश - विदेश के पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केन्द्र रहा है। राजस्थान की पहचान उसके मूल निवासियों की सरल जीवनशैली व यहां की धरोहर है। राजस्थान को रंगों की धरती भी कहा जाता है। हम आपको राजस्थान के खूबसूरत किलों और महलों के बारें में बताते है।

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राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थल

राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थल

अपनी रंगीन संस्कृति को बिखेरते हुए राजस्थान राज्य ने सिर्फ राष्ट्रीय पर्यटकों को ही नहीं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों को भी आकर्षित किया है। जयपुर की शानदार हवेलियों से लेकर, उदयपुर की झीलों तक, मंदिरों से लेकर जैसलमेर व बीकानेर के बालू टिब्बों तक-सब कुछ देखने लायक है। यहाँ के लोक गीत व लोकनृत्य भी अपनी स्थानीय संस्कृति को अस्तित्व में बनाए रखने के लिए पूरा सहयोग करते है। राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थल के बारे में जानने के लिए जुड़े रहिये हमारे पेज से.....

राजस्थान के राष्ट्रीय उद्धान एवं वन्य जीव अभयारणय

राजस्थान के राष्ट्रीय उद्धान एवं वन्य जीव अभयारणय

अभयारण्य का अर्थ है अभय + अरण्य। अर्थात अभय घूम सकें जानवर, ऐसा अरण्य या वन। सरकार अथवा किसी अन्य संस्था द्वारा संरक्षित वन, पशु-विहार या पक्षी विहार को अभयारण्य कहते हैं। केंद्र सरकार एवं राज्य सरकरों ने राष्ट्रीय उद्यान एवं वन्य जीव पशु विहार स्थापित किए। हम आपको राजस्थान के राष्ट्रीय उद्धान एवं वन्य जीव अभयारणयों के बारे में बताते है।

राजस्थान का परिचय

राजस्थान का परिचय

राजस्थान भारत देश के बड़े प्रान्तों में से एक है। जिसकी स्थापना 30 मार्च 1949 को हुई। जिसका कुल क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग किलोमीटर है। उत्तर से दक्षिण तक लम्बाई 826 किमी. है। उत्तर में गंगानगर जिले का कोणा गांव व दक्षिण में बांसवाड़ा जिले का बोरकुण्ड गांव स्थित है। पूर्व से पश्चिम तक चैड़ाई 869 किमी. है। पूर्व में धौलपुर जिले का सिलाना गांव व पश्चिम में जैसलमेर जिले का कटरा गांव स्थित है। राजस्थान में 33 जिले है जिसको सात संभागों में बांटा गया है।