| 1938-1948 |
प्रेसीडेन्ट, मेवाड़ क्षत्रिय सभा |
| 1942 |
चेयरमैन, क्षत्रिय विद्धा सभा, मेवाड़ |
| 1943 |
वाइस प्रेसीडेन्ट, ऐतिहासिक सर्वे रिकार्ड क्षेत्रीय समिति, मेवाड़ |
| 1945 |
वाइस प्रेसीडेन्ट, राजपूत क्षत्रिय महासभा |
|
| 1948 |
सदस्य, सुरक्षा परिषद् |
| 1930 |
सदस्य, उच्च न्यायालय ब्रांच, उदयपुर |
| 1941 |
चेयरमैन, नाथद्वारा सम्पत्ति इन्वेंटरी समिति |
| 1941-1946 |
चेयरमैन, मेवाड़ संविधान सुधार समिति |
| 1942 |
चेयरमैन, अनिवार्य शिक्षा समिति मेवाड़ जागीरदार |
| 1940-1945 |
प्रेसीडेन्ट, विधायन समिति, मेवाड़ |
|
| अन्य जानकारी |
सामान्य व्यक्तित्व सादा जीवन उच्च विचार एवं सामाजिक सराेकार से परिपूर्ण |
| प्रकाशन |
'जय मल वंशावली' पुस्तक का प्रकाशन |
| सम्मान एवं पुरस्कार |
डकैती उन्मूलन (1943), अकाल सहायता कार्यों (1943) एवं अन्य सामाजिक कार्यों पर श्रीमती सरोजनी नायडू, राज्यपाल, उत्तर प्रदेश, श्री टी. विजय राघवाचारी, प्रधान मंत्री, मेवाड एवं डा. मेहता, मंत्री, उदयपुर राज्य द्वारा प्रशंसा की । इन्होंने इन कार्यों के लिए सिल्वर जुबली मेड़ल (1935) और कोरोनेशन मेड़ल (मई,1937) में प्रदान किया । |
| सामाजिक कार्यकलाप |
समाज सेवा |
|