रिटायर्ड आईएएस राजेन्द्र कुमार नायक वर्तमान में भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा मे प्रदेश उपाध्यक्ष पर हैं। मूलतः सुजानगढ़ के गोपालपुरा गांव के एक साधारण परिवार से है। 01 मई 1959 को धन्नादास जी के घर राजेन्द्र कुमार नायक का जन्म् हुआ। रिटार्यड आईएएस राजेन्द्र कुमार नायक ने बुलन्द हौसलो और सफलता की बदौलत आज जन सेवा के आसमां पर सितारे की भांति सुशोभित है, जो आज किसी परिचय का मोहताज नही।
राजेन्द्र कुमार नायक का नाम सामने आते ही एक युवा व कर्मठ नेता की छवि सामने आती है, जो सेवा के जरिये जनसेवा करने और सामाजिक बुराइयों के खिलाफ दृढ़ता से संघर्ष करने के लिए कटिबद्ध है। परिवार से मिले संस्कारों और जनकल्याण की भावना सर्वसमाज को साथ लेकर चलना इनकी सबसे बड़ी विशेषता है, यही इनकी पहचान है। हंसमुख और मिलनसार के धनी राजेन्द्र कुमार नायक ने समाजसेवा के साथ-साथ सुजानगढ़ विधानसभा मे अपनी अनूठी छाप छोड़कर सभी का दिल जीता है। राजनीतिक जीवन के शुरूआत से ही लोगों की समस्याओं और दर्द-पीड़ा को खुद का समझा, इतना ही नही समस्याओं के समाधान के लिए वे हर सम्भव प्रयास कर रहे हैं।
प्रारम्भिक शिक्षा अजमेर के बाद जयपुर -
1982 मे आईएएस बने :
राजेन्द्र कुमार नायक की प्रारम्भिक शिक्षा अजमेर व आगे की शिक्षा जयपुर मे हुई। ये बताते है कि गांव की मिट्टी उनके कलेजे मे बसती हैं। शुरूआत से ही एक मेधावी छात्र के तौर पर अपनी शिक्षा मे आगे बढ़ते रहे। बचपन से ही मन मे एक विचार था कि सर्वसमाज विकास के कार्य करने है एवं लोगो की सहायता करनी हैं। सन् 1981 मे एमए और इसी वर्ष आरआरएस परीक्षा मे राजेन्द्र कुमार नायक का चयन हो गया। फिर वर्ष 1982 मे आईएएस की परीक्षा उतीर्ण की। थल सेना अध्यक्ष, जल सेना अध्यक्ष, वायुसेना अध्यक्ष जनरल विपिन रावत सीडीएस के साथ मिलकर भारतीय सेना की सेवा मे लग्न रहें। इस दौरान वे भारत रत्नवपूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के सम्पर्क मे रहें। राजेन्द्र कुमार नायक पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के विचारों से बहुत प्रभावित हुए। भारत के रक्षा विशेषज्ञ अतीत डोभाल के नेतृत्व मे उनकी टीम मे भी नायक ने काम किया हैं।
विभिन्न सेवाओं मे उपलब्धि और कई बड़े प्रमोशन मिल :
60 वर्ष की उम्र पूर्ण करने पर राजेन्द्र कुमार नायक 30 अप्रैल 2019 को हिन्दुस्तान के कंट्रोलर जनरल डिफेंस अकाउंट् के पद से सेवा निवृत हुए। यह पद सचिव सेक्रेटी टू गवर्नमेंट ऑफ इंडिया की रैंक का है। सेवाकाल मे एयरफोर्स, आर्मी, नेवी डीआरडीओ, ऑडनेंस फैक्ट्री, कोस्ट गार्ड बॉर्डर रोड्स आदि सेवाओं मे काम कार्य किया हैं। जनसेवा के उद्देश्य से सन् 2020 मे दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी मे शामिल हो गये। कार्य कुशलता को देखकर आलाकमान ने इन्हे प्रदेश भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा का उपाध्यक्ष बनाया। सादा जीवन, उच्च विचारों को आभूषण बना रखा है। धर्म निरपेक्षता के मामले मे भी बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं।
प्रमोशन :
1982 की आईएएस परीक्षा पास करने के बाद पहला प्रमोशन 1987 मे अंडर सेक्रेट्री लेवल पर, दूसरा प्रमोशन 1993 मे डिप्टी सेक्रेट्री का मिला। 1995 मे ज्वाइंट सेक्रेट्री गवर्नमेंट ऑफ इंडिया का प्रमोशन, सन् 2015 मे एडीशनल सेक्रेट्री गवर्नमेंट ऑफ इंडिया, 2018 मे स्पेशल सेक्रेट्री गवर्नमेंट ऑफ इंडिया तथा 2019 मे भारत सरकार मे सर्वोच्च पर सेक्रेट्री सचिव गवर्नमेंट ऑफ इंडिया का प्रमोशन भी मिला।
जब सेक्रेट्री लेवल पर प्रमोशन मिला तो भारत सरकार की अनेक वेबसाइट मे राजेन्द्र कुमार नायक का नाम दिया गया। करंट इवेंट्स जनरल नॉलेज मे भी नायक के बारे मे पढ़ाया गया।
नायक का सम्मान :
लेफ्टिनेंट जनरल ज्ञान भूषण जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ साउथ वेस्ट कमांड ने रिटायर्ड आईएएस नायक को उत्कृष्ठ सेवाओं के लिए प्रशस्ति पत्र देकर विशेष सम्मान किया। हर साल मिलने वाली परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट मे उत्कृष्ठ रिपोर्ट मे ये सम्मान मिला। नायक ने बताया कि यह परफॅार्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट एक ऑफिसर एक साल की परफॉर्मेंस का विवरण होता है अगर उसने सबसे अच्छा काम किया है तो उसे उत्कृष्ठ रिपोर्ट मिलती हैं। अगर ठीक काम नही किया है तो उसको खराब रिपोर्ट मिलती हैं। इसी के आधार पर एक ऑफिसर का प्रमोशन होता है। उत्कृष्ठ रिपोर्ट के आधार पर नायक उनसे सीनियर को भी सुपरसीड है। नायक भारत के 52वें कंट्रोलर जनरल डिफेंस अकाउंट्स बने और राजस्थान के पहले व्यक्ति है, जिन्होनें इस पद को सुशोभित किया हैं।
उपलब्धि : देश-विदेशों की यूनिवर्सिटी मे लिया प्रशिक्षण -
नायक ने देश-विदेश की विभिन्न यूनिवर्सिटीज मैनेजमेंट स्कूल ज्यूडिशल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट मे कम्प्यूटर वित्त प्रबंधन कानून आदि पर प्रशिक्षण प्राप्त किया हैं। भारत सरकार के ट्रेनिंग इंस्टिट्यूशन मे ऑफिसर को सम्बोधित किया। एमडीआई गुड़गांव स्विट्जरलैंड यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रिया, फै्रकफर्ट यूनिवर्सिटी, चेक यूनिवर्सिटी, नीदरलैंड यूनिवर्सिटी, फ्रैंकफर्ट यूनिवर्सिटी, मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी, इंगलैंड बेल्जियम यूनिवर्सिटी, नीदरलैंड यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रिया, जर्मनी, फ्रांस आदि यूरोपियन देशो के यूनिवर्सिटीज मे प्रशिक्षण प्राप्त किया। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी अमेरिका मे उन्हे भारत सरकार द्वारा भारतीय अधिकारियों को अन्तरराष्ट्रीय स्तर की ट्रेनिंग देने के लिए सैन फ्रांसिस्को भेगा गया। आईआईएम बेंगलुरू मे बतौर मुख्य अतिथि थे। यहा एक कोर्स का समापन भाषण दिया। सरकारी दौरे पर विश्व के अनेक देशों मे भारत सरकार की तरफ से गये। सेवाकाल के दौरान देश की विभिन्न सीमाओं पर जवानों का हौसला बढ़ाया। कश्मीर मे आंतकवाद अपनी चरम सीमा पर थे, तब भी कश्मीर लदाख विश्व का सबसे ऊंचाई पर स्थित युद्ध स्थल सियाचिन, ग्लेश्यिर गये। चाइना बॉर्डर मे नाथू ला पास 14200 फीट बुमला पास 16400 फीट पर गये। नायक को बॉर्डर रोड़ ऑर्गेनाइजेशन की जिम्मेदारी भी दी गई। दुर्गम पहाड़ी इलाकों मे सड़क बनाने मे जोखिम के कारण इस ऑर्गेनाइजेशन मे मृत्यु दर डेड आदमी प्रतिदिन थी। नायक ने उन दुर्गम स्थानों पर जाकरी उनकी समस्याऐं सुनी और अपनी सेवाऐं दी।