हरा चारा उत्पादन मशीन -
श्रीराजलदेसर गौशाला में हरा चारा उत्पादन मशीन सन् 2016 में लगाई गई। जिसका उद्घाटन राजस्थान सरकार के देवस्थान मंत्री राजकुमार रिणवां द्वारा फीता काटकर किया गया। इस मशीन में प्रतिदिन 125 किलो हरा चारा उत्पादित किया जाता है। इससे उत्पादित चारे की गुणवत्ता आम चारे से तीन गुणा अधिक होती है। यह चारा कमजोर व बीमार गौवंश को खिलाया जाता है।
बायोगैस प्लांट -
श्रीराजलदेसर गौशाला में 30 घन मीटर क्षमता का बायोगैस प्लांट सन् 2020 में लगाया गया है। यह प्लांट ‘जीनस इन्वेटर, बैटरी, यूपीएस जयपुर के एमडी आई.सी. अग्रवाल’ के आर्थिक सौजन्य से लगवाया गया है। इससे प्रतिदिन 10 केजी गैस उत्पादित की जाति है। जिससे 5 किलोवाट का जनरेटर 4 घण्टे तक चलता है। साथ ही 5 चूल्हें तीन घण्टे चलते है। जिससे गायों का बांटा व स्टाफ का भोजन तैयार किया जाता है। इसकी सलरी से उत्तम क्वालिटी की खाद्द बनाई जाती है।
गौकाष्ठ मशीन -
गौकाष्ठ मशीन से प्रति घण्टे गाये के गोबर से दो क्विंटल सुखी लकड़ी तैयार की जाती है। यह लकड़ी जलाने के लिए काम ली जाती है। यह आम व्यक्ति के लिए उचित्त दर पर बिक्री के लिए उपलब्ध है।
डी-वाॅटरींग मशीन -
डी-वाॅटरींग मशीन से बायोगैस प्लांट में गौबर व पानी को अलग - अलग करके खाद बनाई जाती है। यह मशीन भी ‘जीनस इन्वेटर, बैटरी, यूपीएस जयपुर के एमडी आई.सी. अग्रवाल’ के आर्थिक सौजन्य से लगवाई गई है।
कैंचुआ खाद -
श्रीराजलदेसर गौशाला में कैंचुआ खाद्द तैयार की जाती है। जो एक उत्तम क्वालिटी की खाद्द होती है, जो ब्रिकी के लिए उपलब्ध है।
निःशुल्क बैलगाड़ी वितरण योजना -
श्रीराजलदेसर गौशाला के द्वारा अब तक हनुमानगढ़, बीकानेर, भीलवाड़ा, बांसवाड़ा, डूंगरपूर, जोधपुर, सीकर, चूरू आदि जिलों में विभिन्न गौशालाओं के माध्यम से 650 बैलगाड़ी वितरित की जा चूकी।
गौवंश संरक्षण हेतु ऐतिहासिक प्रयास
बाजारों एवं सड़को पर आम राहगीर से डंडो की मार खा रहे उपेक्षित बछड़ो एवं गौशालाओं में बढ़ रहे बछड़ो - बैलो आदि की शक्ति का सदुपयोग हो तथा गौ संरक्षण हेतु इन बछड़ो का उपयोग आमजन को मजदूर, किसान आदि के रोजमरा के कार्य एवं जीविकापार्जन का साधन बने इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए श्रीराजलदेसर गौशाला द्वारा जीनस पाॅवर इन्फ्रास्टकचर प्रा.लि. जयपुर के एम.डी. ईश्वरचन्द अग्रवाल की प्रेरणा एवं आर्थिक सौजन्य से निःशुल्क बैलगाड़ी बैल सहित जरूरतमंदो को उपलब्ध करवाई जा रही है। श्रीराजलदेसर गौशाला द्वारा शुरू होने वाली भारतवर्ष की यह अनूठी योजना है। जिससे गौ संवर्धन को बढ़ावा मिलेगा तथा बैल भी उपयोगी बनेंगे।
क्या है यह योजना :
गौशालाओं में भारी संख्या में नर गौवंश होते है जिनको पालने का सालाना खर्च दस से बारह हजार रूपये आता है। गौशालाओं में इनकी शक्ति को कोई उपयोग नही होता है। इस योजना से इन नर गौवंश को बैल के रूप में जरूरतमंदो को गाड़ी के साथ निःशुल्क दिया जायेगा। जिससे गौशालाओं पर आर्थिक भार कम होगा। सके लिए पात्र व्यक्ति को एक शपथ-पत्र भरकर देना होगा। जिसमें वह घोषणा करेगा की उसको दिए जा रहे गौवंश की परवरिश करेगा, उसे खुला नहीं छोड़ेगा तथा हर महीने की निश्चित तारीख को गौशाला में आकर उसका स्वास्थ्य परीक्षण करवायेगा तथा गाड़ी व बैल को किसी अन्य को नही बेचेगा।
गौशाला के माध्यम से होता है वितरण :
देश की कोई भी गौशाला इस योजना में भाग ले सकती है। गौशाला की समिति अपनी कार्यकारणी सभा में एक प्रस्ताव पारित कर देता है जिसमें यह उल्लेख हो की श्रीराजलदेसर गौशाला बैलगाड़ी योजना में हमारी गौशाला भी सम्मिलित होना चाहती है। योजना की शर्त बैलगाड़ी हेतु पात्र व्यक्तियों का चयन एवं वितरण के बाद उनकी माॅनिटरिंग हम करेंगे तथा श्रीराजलदेसर गौशाला द्वारा समय-समय पर मांगी जानकारी भी उपलब्ध करवायेंगे।
दीपक और मूर्तियाँ -
श्रीराजलदेसर गौशाला में दीपावली के अवसर पर गाय के गोबर से दीपक एवं लक्ष्मीजी व गणेशजी की मूर्तियाँ तैयार की जाती है। जो आमजन के लिए ब्रिकी के लिए उपलब्ध है।
गोपाल मंदिर -
श्रीराजलदेसर गौशाला परिसर में गोपाल मंदिर स्थित है। जिसका निर्माण सम्वत् 2029 में कन्हैयालाल, देवीप्रसाद, जगदीश प्रसाद फौगला ने करवाया था।
शिवालय (नर्मदेश्वर महादेव) -
श्रीराजलदेसर गौशाला में उत्तरी दिशा में वर्षों पुराना शिवालय है। जिसका जिर्णोदार सन् 2017 में करवाया गया। गौ सेवा समिति द्वारा इसके पास ही एक बगीचे का निर्माण करवाया गया। जिसमें औषधीय व सजावटी पौधे लगाये गये है।
दक्षिणमुँखी हनुमान मंदिर -
दक्षिणमुँखी हनुमान मंदिर -
निर्माणाधीन शक्तिपीठ -
श्रीराजलदेसर गौशाला के उत्तरी दिशा में कोलकता प्रवासी निर्मल जैन द्वारा शक्तिपीठ मंदिर का निर्माण करवाया जा रहा है।
निर्माणाधीन ट्रोमा सेन्टर -
श्रीराजलदेसर गौशाला में गौशाला उपाध्यक्ष ग्रेट-व्हाइट कम्पनी के चैयरमैन कैलाश जी डीडवानिया की प्रेरणा से भामाशाहों के सहयोग से घायल व बीमार गौवंश के लिए विशाल ट्रोमा सेन्टर का निर्माण करवाया जा रहा है। इससे गौशाला के अलावा कस्बे व आसपास के पशुपालकों के लिए भी सुविधा होगी।
साॅलर प्लाट -
डी-वाॅटरींग मशीन से बायोगैस प्लांट में गौबर व पानी को अलग - अलग करके खाद बनाई जाती है। यह मशीन भी ‘जीनस इन्वेटर, बैटरी, यूपीएस जयपुर के एमडी आई.सी. अग्रवाल’ के आर्थिक सौजन्य से लगवाई गई है।
बाजोरिया सत्त्संग भवन एवं संत आवास -
श्रीराजलदेसर गौशाला में आयोजित होने वाले उत्त्सवों को मनाने एवं सेमिनार, प्रशिक्षण आदि के लिए 60 फीट लम्बा व 45 फीट चैड़े सुविधा युक्त होल है। इस होल का निर्माण स्व. किशनलाल बाजोरिया की स्मृत्ति में उनके सुपुत्र आनन्दीलाल बाजोरिया द्वारा करवाया गया। जिसका उद्घाटन 4 नवम्बर, 2016 को जिला कलेक्ट्र ललित कुमार गुप्त्ता द्वारा फीता काटकर किया गया।
श्रावणी महोत्त्सव -
श्रीराजलदेसर गौशाला में श्रावण के सोमवार को गौशाला महिला समिति के द्वारा आयोजित किया जाता है। जिसकी सम्पूर्ण व्यवस्था महिला समिति के द्वारा ही की जाती है। इस दौरान मेले व सांस्कृत्तिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है।
गौपाष्टमी -
श्रीराजलदेसर गौशाला में गौपाष्टमी के अवसर पर सात दिवसीय कथा का आयोजन किया जाता है, जिसका समापन गौपाष्टमी के दिन किया जाता है। इस देने गौशाला में गौ पूजन, गौशोभा यात्रा निकाली जाती है। साथ मेले का आयोजन भी किया जाता है। यह कार्यक्रम गौशाला स्थापना से लेकर अब तक निरन्तर किया जा रहा है।