पद |
1957-62 |
सदस्य, दूसरी राजस्थान विधान सभा |
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सामाजिक पद |
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उपाध्यक्ष, सुमेर क्लब, किशनगढ़, अजमेर |
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सदस्य, अखिल भारतवर्षीय दाधीच ब्राह्मण महासभा की कार्य समिति का सदस्य व स्वयं सेवक दल का अध्यक्ष |
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सदस्य, अन्य कई संस्थाओं का सदस्य एवं पदाधिकारी हूॅ । |
4 वर्ष |
सचिव, परोपकारक मण्डल, निसरपुर, निमाड, इन्दौर स्टेट |
5 वर्ष |
अध्यक्ष, सार्वजनिक हितेषी औषधालय, किशनगढ़, अजमेर |
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राजनीतिक पद |
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कन्वीनर, वित्त कमेटी, कांग्रेस पार्टी |
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सदस्य, कार्यसमिति व पार्लियामेन्ट्री बोर्ड |
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सदस्य, कार्यसमिति, जिला कांग्रेस पार्टी, जयपुर |
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सदस्य, राजस्थान प्रदेश कांग्रेस पार्टी |
4 वर्ष |
अध्यक्ष, राज्य प्रजा मण्डल, किशनगढ़, अजमेर |
5 वर्ष |
अध्यक्ष, नगर कांग्रेस, किशनगढ़ |
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अन्य पद |
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मंत्री, स्वायत्त शासन, सप्लाई, एज्यूकेशन, स्वास्थ्य, किशनगढ़ राज्य |
4 वर्ष |
मंत्री, ग्राम सेवा केन्द्र, सिलोरा, अजमेर |
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उपाध्यक्ष, नगर पालिका, किशनगढ़, अजमेर |
4 वर्ष |
सदस्य, किशनगढ़ राज्य के एडवाइजरी बोर्ड |
3 वर्ष |
अध्यक्ष, बार एसोसिएशन, किशनगढ़, अजमेर |
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अन्य जानकारी |
अन्य जानकारी |
मेरे पिता रियां (मारवाड़) के निवासी थे और उनका कारोबार अजमेर में था । उन्होनें गहलोता गांव को 12 वर्ष के लिए ठेके पर लिया था इसलिए कभी-कभी कुछ समय के लिये गहलोता ग्राम में रहा करते थे उसी समय मेरा जन्म इस ग्राम में हुआ किन्तु मेरा लालन पालन अजमेर में ही हुआ । मेरे पिता का देहान्त मेरी एक वर्ष की अवस्था में व माता का देहान्त मेरी दो वर्ष की अवस्था में हो गया । उनके देहान्त के पश्चात् मेरा लालन-पालन मेरे भ्राता पं. हरिनारायणजी ने किया व उनका कुछ समय बाद देहान्त हो जाने से मेरे दूसरे भ्राता पं. घनश्याम जी ने किया । 10 वर्ष की अवस्था में मैं घर छोड़कर बाहर विद्धाध्यन के लिए चला गया और अपनी स्वकष्टाजित कमाई करता हुआ विद्धाध्यन करता रहा । मैंने अपने भाईयों से अपने पिता की काफी सम्पत्ति व जायदाद होते हुए भी उनसे कभी नहीं लिया और खुद की स्वकष्टाजित कमाई से ही सारा कारोबार किया व जायदाद इत्यादि बनवाई । |
अभिरुचि |
पुस्तकें पढ़ना व पत्र-पत्रिकाएं पढ़ना । एकान्त में रहना व रचनात्मक कार्य में भाग लेना ज्यादा पसन्द है । |
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स्थायी पता |
कचहरी चौक, किशनगढ़, जिला अजमेर |
स्थानीय पता
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