शहीद बजरंग लाल नैण (पी गनर) का जीवन परिचय:
शहीद बजरंग लाल नैण (पी गनर) का जन्म 17 अप्रैल, 1975 को राजस्थान के चूरू जिले की राजगढ़ तहसील के सुलखणिया बड़ा गांव में श्री पिताराम नैण एवं श्रीमती अनकोरी देवी के घर में हुआ था। इनका विवाह हरियाणा के भिवानी जिले की बाढ़डा तहसील के काकड़ोली हठ्ठी गाँव के श्री अत्तर सिंह श्योराण एवं श्रीमती कमला बिजारणियाँ की पुत्री राजकुमारी के साथ मार्च, 1990 मे हुआ। इनके दो संतान हुई। जिनमें बड़ी संतान पुत्र प्रशान्त नैण का जन्म 22 अगस्त, 1993 को व छोटी संतान पुत्र सौरव नैण का जन्म 30 नवम्बर, 1997 को हुआ। शहीद बजरंग लाल नैण के एक चाचा व दो भाई भी भारतीय सेना मे थे। इसके अलावा शहीद बजरंग लाल नैण के ससुर अत्तर सिंह श्योराण भी भारतीय सेना मे थे।
सेवाकाल:
परिजनों के अनुसार शहीद बजरंग लाल नैण (पी गनर) दिसम्बर 1995 को भारतीय थल सेना की तौंपे में सिपाही के पद पर नासिक मे भर्ती हुये थे। 22 जून, 1999 को 28 आरआर टुकड़ी से कारगिल दरस सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ के प्रयास को नाकाम कर रहे थे। इसी दौरान आतंकियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। मुठभेड़ में शहीद बरजंग लाल नैण के गले व माथे में गोलियां लगी, जिससे वह शहीद हो गये। इस समय शहीद बजरंग नैण (गनर) के पद पर कार्यरत थे।
शहीद स्मारक स्थल:
शहीद बजरंग लाल नैण का शहीद स्मारक स्थल गाँव सुलखनिया बड़ा मे पिलानी से राजगढ़ मार्ग पर बना हुआ है। स्मारक स्थल व उनकी प्रतिमा का अनावरण वर्ष 2003 मे किया गया। श्रीमान साहिब सिंह वर्मा दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री व भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, श्रीमान् राजेन्द्र सिंह राठौड़ केबीनेट व राज्य मंत्री, श्रीमान् रामसिंह कस्वां चूरू के पूर्व सांसद, श्रीमती कमला कस्वां राजगढ की पूर्व विधायक, श्रीमान राहुल कस्वां चूरू के सांसद, चूरू व झुन्झुनू जिले के अन्य सेना अधिकारी व सरकारी अधिकारी, परिवारजन एवं ग्रामवासी सहित आसपास के ग्रामीण व जनप्रतिनिधि उपस्थिति में कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
मैडल व सम्मान:
मेघदूत अवार्ड, सियाचिन ग्लेशियर अवार्ड।
शहीद की याद में कार्यक्रम:
शहीद बजरंग लाल नैण (पी गनर) की स्मृत्ति में खेलकुद, स्वतंत्रता दिवस व गणतंत्र दिवस पर गतिविधियाँ की जाती है।
उपरोक्त जानकारी संग्रहणकर्त्ता:
शहीद बजरंग लाल नैण के परिवारजन, पुत्र प्रशांत नैण