1945 |
मंत्री, प्रचार मंत्री, खारी कोठारी की बाढ़ के समय रिलीफ सोसायटी |
1945 |
मंत्री, स्वागत मंत्री, अखिल भारतीय हिन्दी महासभा सम्मेलन के 33 वें अधिवेशन, उदयपुर |
1956 |
मंत्री, इण्डियन एडल्ट एज्यूकेशन सोसायटी |
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सदस्य, केन्द्रीय सामाजिक शिक्षा सलाहकार समिति, नई दिल्ली |
1957 |
अध्यक्ष, राजस्थान साहित्य एकेडमी |
1947 से अभी तक |
सरकारी सेवा, प्रो. वाइस चांसलर, राजस्थान विश्व विद्धापीठ महासमिति द्वारा चुने जाते रहे हैं |
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अध्यापक, राजकीय इन्टर कॉलेज, उदयपुर |
1940-1945 |
प्रधान मंत्री, रा.हि.सा. सम्मेलन |
1941-1954 |
प्रधान मंत्री, राजस्थान विश्व विद्धालय, उदयपुर |
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अभिरुचि |
शिक्षा, साहित्य एवं सांस्कृति विषयक |
प्रकाशन |
साहित्य-कवि है, नाटककार है, गद्ध काव्य लेखक है तथा कहानीकार एवं उपन्यास निर्माता है । इनका आधीरात, पतित का स्वर्ग, प्रलय का लहरें, उदर हत्यारा, आचार्य चाणक्य, पांच नाटक छप चुके हैं । कहानियां काफी छपी है । पत्र-पत्रिकाओं में शिव कृपा निवास, अमल का कांटा, उदयपुर विद्धा भवन सोसायटी द्वारा प्रकाशित 'बाल हित', राजस्थान हिन्दी सभा सम्मेलन द्वारा प्रकाशित 'राजस्थान-साहित्य' मासिक के सम्पादक वर्षों तक 'वसुन्धरा', 'कल्कि', एवं अरावली आदि साप्ताहिक पत्रों का सम्पादन किया । |
विशेष अभिरुचि |
सिनेमा देखना, आम जनता में घुल मिलकर रहना तथा लिखना । |
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