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GOVT. SR. SEC. SCHOOL, JINRASAR (SUJANGARH) CHURU (08040503501)

वेबसाइट भामाशाह

सहायक निदेशक

सहायक निदेशक II

मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी

जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक)

जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक)

मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी

अतिरिक्त ब्लॉक शिक्षा अधिकारी I

अतिरिक्त ब्लॉक शिक्षा अधिकारी II

सन्दर्भ व्यक्ति I

सन्दर्भ व्यक्ति II

पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी

श्री राजेंद्र प्रसाद स्वामी

Principal

संस्था प्रधान का ध्यये :

विद्यालय के शैक्षिक व भौतिक विकास के अलावा शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार करना। विशेषकर देहात के गरीब, बेसहारा, मजदूर समुदाय के बालक - बालिकाओं को शिक्षा से जोड़कर उनका सर्वांगिण विकास करना और विद्यालय के प्रति ऐसे बच्चों को आकर्षित करके सरकारी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ दिलाना मुख्य ध्यये है।


आभार :
विद्यालय परिवार व संस्था प्रधान उन सभी अभिभावकों व भामाशाहों का आभार प्रकट करता है जो संस्था के लिए किसी भी प्रकार से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से जुड़कर विकास कार्यों, नवाचार व अन्य किसी भी कार्ये में मदद करते है व हर समय तैयार रहते है।

Welcome GOVT. SR. SEC. SCHOOL, JINRASAR (SUJANGARH) CHURU (08040503501)

जिनरासर गाँव में सन् 1960 को राजकीय प्राथमिक विद्यालय की स्थापना हुई। इसके बाद सन् 1985 में प्राथमिक से उच्च प्राथमिक में क्रमोन्नत हुआ। सन् 2011 को उच्च प्राथमिक से माध्यमिक में क्रमोन्नत हुआ। सन् 2015 में उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत हुआ। विद्यालय ग्राम पंचायत बडाबर  के ग्राम जिनरासर में संचालित है। जिसकी तहसील मुख्यालय सुजानगढ़ से दूरी करीब 9 किमी. व जिला मुख्यालय चूरू से दूरी करीब 115 किमी. है।

About Us

सरकारी विद्यालयों में विद्यार्थियों के उपलब्ध सुविधाएँ - 

1. निःशुल्क शिक्षण व्यवस्था।

2. निःशुल्क पाठ्य पुस्तके।

3. कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिए पोषाहार व दुग्ध की निःशुल्क व्यवस्था।

4. प्रतिभावान विद्यार्थियों के लिए फ्री लेपटाॅप व स्कूटी।

5. कक्षा 9 में पढ़ने वाली छात्राओं को निःशुल्क साईकिल वितरण किया जाता है।

6. ट्रान्सपोर्ट वाउचर योजना।

7. कम्प्यूटर लेब की सहायता से डिजिटल साक्षरता।

8. इंदिरा प्रियदर्शनी व गार्गी पुरस्कार।

9. इन्सपायर अवार्ड

10. नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा की तैयारी करवाना।

11. सामुदायिक बाल सभा के माध्यम से प्रतिभाओं का मानसिक विकास किया जाता है।

12. कमजोर विद्यार्थियों के लिए उपचारात्मक शिक्षण व्यवस्था।

13. स्काउट गाइड, यूथ एवं इको क्लब, एनसीसी, एनएसएस इत्यादि गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करना।

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14. विभिन्न प्रकार की देय छात्रवृतियाँ

      - -  पूर्व मैट्रिक कक्षा 6 से 10 तक के विद्यार्थियों के लिए

      - - उतर मैट्रिक कक्षा 11 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए

      - - आपणी बेटी - पालहार - राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा तथा राज्य स्तरीय खोज परीक्षा के माध्यम से चयनित विद्यार्थियों को छात्रवृति

      - - एन. एम. एम. एस. (कक्षा 9 से 12) छात्रवृति देय है विद्यार्थी का राजकीय विद्यालय में पढ़ना अनिवार्य

राजकीय विद्यालयों में शिक्षकों की योग्यता

    - - आर. पी. एस. सी. से चयनित

    - - उच्च योग्यताधारी

    - - अनुभवी एवं प्रशिक्षित शिक्षक

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