Search
Add Listing

P.C.B GOVT. SENIOR SECONDARY SCHOOL, WARD NO.19 (SUJANGARH) CHURU (08040519604)

स्व. सत्यनारायण जी अरोड़ा (सुजानगढ़)

वेबसाइट भामाशाह

सहायक निदेशक

सहायक निदेशक II

मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी

जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक)

जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक)

मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी

अतिरिक्त ब्लॉक शिक्षा अधिकारी I

अतिरिक्त ब्लॉक शिक्षा अधिकारी II

सन्दर्भ व्यक्ति I

सन्दर्भ व्यक्ति II

पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी

श्रीमान धन्नाराम प्रजापत

Principal

संस्था प्रधान का ध्यये :

विद्यालय के शैक्षिक व भौतिक विकास के अलावा शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार करना। विशेषकर देहात के गरीब, बेसहारा, मजदूर समुदाय के बालक - बालिकाओं को शिक्षा से जोड़कर उनका सर्वांगिण विकास करना और विद्यालय के प्रति ऐसे बच्चों को आकर्षित करके सरकारी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ दिलाना मुख्य ध्यये है।


आभार :
विद्यालय परिवार व संस्था प्रधान उन सभी अभिभावकों व भामाशाहों का आभार प्रकट करता है जो संस्था के लिए किसी भी प्रकार से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से जुड़कर विकास कार्यों, नवाचार व अन्य किसी भी कार्ये में मदद करते है व हर समय तैयार रहते है।

Welcome P.C.B GOVT. SENIOR SECONDARY SCHOOL, WARD NO.19 (SUJANGARH) CHURU (08040519604)

सुजानगढ़ शहर मेें स्टेशन रोड़ पर स्थित पीसीबी (पुनमचन्द बगड़िया) स्कूल की स्थापना में सन् 1940 में हुई। इसके बाद सन् 1946 में प्राथमिक से उच्च प्राथमिक में क्रमोन्नत हुआ। सन् 1957 को उच्च प्राथमिक से माध्यमिक में क्रमोन्नत हुआ। सन् 1988 में उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत हुआ। विद्यालय चूरू जिले के सुजानगढ़ शहर में संचालित है। जिसकी जिला मुख्यालय चूरू से दूरी करीब 100 किमी. है। पुनमचन्द बगड़िया हाई स्कूल भवन का निर्माण सेठ प्रताबमल रंगलाल तथा गंगाधर बगड़िया सुजानगढ़ निवासी द्वारा सेठ प्रतापमल बगड़िया के प्रिय पुत्र स्वर्गवासी पुनमचन्द बगड़िया की स्कृत्ति में  करवाया गया।

विद्यालय के बारे में विस्तारपूर्वक -

राजश्री बीकानेर नें 1884 में सुजानगढ़ की पहली स्कूल " ग्रामीण पौशाल " खोली। मिडिल स्कूल की अवस्था तक यह विद्यालय पुरानें गढ़ में चलता था। 1937 में महाराजा गंगासिंह नें बीकानेर राज की स्वर्ण जयन्ती मनाई , उसी समय बगड़िया परिवार नें नए भवन के निर्माण का संकल्प ले लिया था। जब 1939 में भवन बनकर तैयार हुआ तो इस संस्था को गंगा गोल्डन हाईस्कूल में क्रमोन्नत कर नये भवन में स्थानांतरित कर दिया गया। यह विद्यालय गंगा गोल्डन हाईस्कूल , मल्टी पर्पज हाईस्कूल , हायर सैकण्डरी स्कूल और सीनियर हायर सैकण्डरी स्कूल आदि अनेक नामों को धारित करता रहा पर PCB शब्द सदा ही सुहागन के श्रृंगार की तरह इसका मान बढ़ाता रहा।
1957 में यह विद्यालय हायर सैकण्डरी और 1988 में सीनियर सैकण्डरी स्कूल में क्रमोन्नत हुआ। वर्तमान में इस विद्यालय में 55 बड़े कक्ष , 2 बड़े हॉल , एक बड़ा छात्रावास , सभी खेलों के मैदान और सुसज्जित बड़ा प्रांगण है। इस विद्यालय में रसायन , भौतिक , जीवविज्ञान और कम्प्यूटर विज्ञान की समस्त सुविधाओं से युक्त प्रयोगशालाओं के साथ-साथ इस क्षेत्र का सबसे बड़ा पुस्तकालय है जिसमें 1932 में दर्ज की हुई प्रथम पुस्तक , जिसका शीर्षक है - MY FIRST BOOK , आज भी मौजूद है। इस पुस्तकालय में पुस्तकों की संख्या लाखों में है।
PCB यानि पूनम चन्द बगड़िया। वैसे तो बगड़िया परिवार आज वटवृक्ष की तरह वृहद रूप धारण कर चुका है , किन्तु शाखा विशेष की बात करें तो स्वर्गीय तोलाराम बगड़िया के पांच पुत्रों में से एक थे - सुजानमल। सुजानमल के पांच पुत्रों में से एक थे - प्रतापमल। प्रतापमल के दो पुत्रों में से एक हुए - पूनमचन्द , जिनके नाम से ये विद्यालय संचालित है। पूनमचन्द के दो पुत्रों में से एक का नाम हैं - शिवप्रसाद जो इस संस्था के भामाशाह है। आपके दो पुत्र है - संजय और सत्यम। इनका कलकत्ता में बड़ा व्यापार है। ऐसे महान भामाशाहों के लिए यह विद्यालय उनकी उत्तरोत्तर वृद्धि के लिए ईश्वर से कामना करता है।
राजश्री बीकानेर नें 1884 में सुजानगढ़ की पहली स्कूल " ग्रामीण पौशाल " खोली। मिडिल स्कूल की अवस्था तक यह विद्यालय पुरानें गढ़ में चलता था। 1937 में महाराजा गंगासिंह नें बीकानेर राज की स्वर्ण जयन्ती मनाई , उसी समय बगड़िया परिवार नें नए भवन के निर्माण का संकल्प ले लिया था। जब 1939 में भवन बनकर तैयार हुआ तो इस संस्था को गंगा गोल्डन हाईस्कूल में क्रमोन्नत कर नये भवन में स्थानांतरित कर दिया गया। यह विद्यालय गंगा गोल्डन हाईस्कूल , मल्टी पर्पज हाईस्कूल , हायर सैकण्डरी स्कूल और सीनियर हायर सैकण्डरी स्कूल आदि अनेक नामों को धारित करता रहा पर PCB शब्द सदा ही सुहागन के श्रृंगार की तरह इसका मान बढ़ाता रहा।
1958 में यह विद्यालय हायर सैकण्डरी और 1989 में सीनियर सैकण्डरी स्कूल में क्रमोन्नत हुआ। वर्तमान में इस विद्यालय में 55 बड़े कक्ष , 2 बड़े हॉल , एक बड़ा छात्रावास , सभी खेलों के मैदान और सुसज्जित बड़ा प्रांगण है। इस विद्यालय में रसायन , भौतिक , जीवविज्ञान और कम्प्यूटर विज्ञान की समस्त सुविधाओं से युक्त प्रयोगशालाओं के साथ-साथ इस क्षेत्र का सबसे बड़ा पुस्तकालय है जिसमें 1932 में दर्ज की हुई प्रथम पुस्तक , जिसका शीर्षक है - MY FIRST BOOK , आज भी मौजूद है। इस पुस्तकालय में पुस्तकों की संख्या लाखों में है।
PCB यानि पूनम चन्द बगड़िया। वैसे तो बगड़िया परिवार आज वटवृक्ष की तरह वृहद रूप धारण कर चुका है , किन्तु शाखा विशेष की बात करें तो स्वर्गीय तोलाराम बगड़िया के पांच पुत्रों में से एक थे - सुजानमल। सुजानमल के पांच पुत्रों में से एक थे - प्रतापमल। प्रतापमल के दो पुत्रों में से एक हुए - पूनमचन्द , जिनके नाम से ये विद्यालय संचालित है। पूनमचन्द के दो पुत्रों में से एक का नाम हैं - शिवप्रसाद जो इस संस्था के भामाशाह है। आपके दो पुत्र है - संजय और सत्यम। इनका कलकत्ता में बड़ा व्यापार है। ऐसे महान भामाशाहों के लिए यह विद्यालय उनकी उत्तरोत्तर वृद्धि के लिए ईश्वर से कामना करता है।

About Us

सरकारी विद्यालयों में विद्यार्थियों के उपलब्ध सुविधाएँ - 

1. निःशुल्क शिक्षण व्यवस्था।

2. निःशुल्क पाठ्य पुस्तके।

3. कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिए पोषाहार व दुग्ध की निःशुल्क व्यवस्था।

4. प्रतिभावान विद्यार्थियों के लिए फ्री लेपटाॅप व स्कूटी।

5. कक्षा 9 में पढ़ने वाली छात्राओं को निःशुल्क साईकिल वितरण किया जाता है।

6. ट्रान्सपोर्ट वाउचर योजना।

7. कम्प्यूटर लेब की सहायता से डिजिटल साक्षरता।

8. इंदिरा प्रियदर्शनी व गार्गी पुरस्कार।

9. इन्सपायर अवार्ड

10. नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा की तैयारी करवाना।

11. सामुदायिक बाल सभा के माध्यम से प्रतिभाओं का मानसिक विकास किया जाता है।

12. कमजोर विद्यार्थियों के लिए उपचारात्मक शिक्षण व्यवस्था।

13. स्काउट गाइड, यूथ एवं इको क्लब, एनसीसी, एनएसएस इत्यादि गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करना।

+

14. विभिन्न प्रकार की देय छात्रवृतियाँ

      - -  पूर्व मैट्रिक कक्षा 6 से 10 तक के विद्यार्थियों के लिए

      - - उतर मैट्रिक कक्षा 11 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए

      - - आपणी बेटी - पालहार - राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा तथा राज्य स्तरीय खोज परीक्षा के माध्यम से चयनित विद्यार्थियों को छात्रवृति

      - - एन. एम. एम. एस. (कक्षा 9 से 12) छात्रवृति देय है विद्यार्थी का राजकीय विद्यालय में पढ़ना अनिवार्य

राजकीय विद्यालयों में शिक्षकों की योग्यता

    - - आर. पी. एस. सी. से चयनित

    - - उच्च योग्यताधारी

    - - अनुभवी एवं प्रशिक्षित शिक्षक

Contact Us

Google Location :

Gallery - Photos

Gallery - Video

Press Release

Quick Enquiry :

Captcha Value : 2+2

Related Venu :

Best Venus

Rajasthanlink.com