कारगिल युद्ध के बारे में संक्षिप्त जानकारी :
कारगिल युद्ध, जिसे कारगिल संघर्ष के रूप में भी जाना जाता है, भारत और पाकिस्तान के बीच मई से जुलाई 1999 तक जम्मू और कश्मीर के कारगिल जिले और नियंत्रण रेखा (एलओसी) के साथ अन्य जगहों पर लड़ा गया था। भारत में, इस संघर्ष को ऑपरेशन विजय के रूप में भी जाना जाता है, जो इस क्षेत्र में भारतीय सैन्य अभियान का कोड नाम था। भारतीय वायु सेना ने एलओसी के पास खाली भारतीय स्थानों से पाकिस्तानी सेना और अर्धसैनिक बलों को बाहर निकालने के लिए भारतीय सेना के साथ संयुक्त रूप से कार्रवाई की, जिसे ऑपरेशन सफेद सागर के रूप में नामित किया गया था।
यह संघर्ष कश्मीरी उग्रवादियों के भेष में पाकिस्तानी सैनिकों की नियंत्रण रेखा के भारतीय हिस्से में घुसपैठ से शुरू हुआ था, जो कश्मीर के विवादित क्षेत्र में दोनों देशों के बीच वास्तविक सीमा के रूप में कार्य करता है। शुरुआती चरणों के दौरान, पाकिस्तान ने लड़ाई के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र कश्मीरी विद्रोहियों को जिम्मेदार ठहराया, लेकिन हताहतों की संख्या के पीछे छोड़े गए दस्तावेजों और बाद में पाकिस्तान के प्रधान मंत्री और सेना प्रमुख के बयानों से पता चला कि इस में पाकिस्तानी अर्धसैनिक बलों की भागीदारी थी। भारतीय सेना ने, बाद में भारतीय वायु सेना के समर्थन से, नियंत्रण रेखा के भारतीय पक्ष पर अधिकांश पदों पर पुनः कब्ज़ा कर लिया; अंतर्राष्ट्रीय कूटनीतिक विरोध का सामना करते हुए, पाकिस्तानी सेना नियंत्रण रेखा पर शेष सभी भारतीय चौकियों से भाग खडी हूई ।
यह युद्ध , कारगिल की दुर्गम पहाड़ीयों में,15 -16 हजार फुट पर लडा गया था। पाकिस्तानी हताहतों की संख्या लगभग 1400 सैनिक थी। भारत के 17 अधिकारियों सहित 527 बहादुर सैनिक वीर गति को प्राप्त हुए ।
पोस्टर के पीछे का विचार :
👉 कारगिल संघर्ष की रजत जयंती।
👉 पहाड़ी की चोटी पर विजयी जवान.
👉 अशोक स्तम्भ सहित युद्ध स्मारक।
👉 एक बहादुर विधवा (वीर नारी)
👉 इन्फैंट्री बटालियन और उनके हथियारों (राइफल और ग्रेनेड) द्वारा बुनियादी जीत।
👉 बोफोर्स तोपें; गेम चेंजर.
👉 राजस्थान की भूमि का उद्धरण और यहां कि बहादुर मां का वर्णन।
👉 महाराणा प्रताप; राजस्थान के प्रतिष्ठित और बहादुर योद्धा।
👉 चित्तौड़गढ़ किला : जहां हर खून से लथपथ पत्थर, सैनानियों और बहादुर सती (शुद्ध महिलाओं) की तीन पीढ़ियों की वीरता की बात करता है, जिन्होंने दुश्मन की बुरी नजर के बजाय 'जौहर' (सम्मान के साथ सामूहिक स्वैच्छिक आत्मदाह) को प्राथमिकता दी।
कर्नल पी के ‘रायल’ महर्षि
कारगिल युद्ध में राजस्थान के वीर योद्धा
वेद प्रकाश
ग्रेनेडियर्स
मोहम्मदपुर
सत्यवीर सिंह
लैंस हवलदार
बसई भोपालसिंह
करणसिंह
सिपाही
रायपुर
भूपसिंह यादव
सिपाही
हिंगवाहेड़ा
नरेन्द्र कुमार
सिपाही
रोडवाल
भीखाराम चौधरी
सिपाही
पतासर
भगवानसिंह
हवलदार
अबोरा
विरेन्द्र सिंह
वाई राईफलमैन
अजान
राजकुमार पूनियाँ
नायक
भैंसली
महेन्द्रसिंह गोदारा
हवलदार
सुरतपुरा
विनोद कटेवा
ला. नायक
हरपालुताल
सुमेरसिंह राठौड़
सुबेदार
दुधवाखारा
बजरंगलाल नैण
पी. गनर
सुलखणियां बड़ा
सत्यवीरसिंह
रा. मैन
रामपुरा बैरी
शीशराम नीमड़
सिपाही
नौरंगपुरा
अमित भारद्वाज
कैप्टन
जय निवास
विक्रम सिंह
नायक
ढ़ाडा सदरपुरा
आनन्द सिंह
एफ नायक
जयसिंह पुरा
कालूराम जाखड़
नायक
खेरी चरणा
हीरासिंह जाट
सिपाही
मुकन्दपुरा
नेतराम
हवलदार
केमरी
ओमप्रकाश
सिपाही
केमरी
सीताराम कुमावत
ग्रेनेडियर्स
पलसाना
बनवारीलाल बगड़िया
सिपाही
सिगडोला छोटा
दयाचन्द
लांस नायक
रहनावा
जगमालसिंह शेखावत
राईफलमैन
रोरू बड़ी
विनोद कुमार नागा
सिपाही
रामपुरा
श्योदानाराम
सिपाही
हरिपुरा
गणपतसिंह ढ़ाका
सिपाही
सिहोट छोटी
दशरथ कुमार
ला. नायक
बसावा
रामस्वरूप सिंह
नायक
बिसाऊ
शीशराम गिल
हवलदार
बिशनपुरा
विजयपालसिंह
सिपाही
ढ़ाका की ढ़ाणी
कंवरपाल सिंह
सिपाही
बनगोठड़ी
राजकुमार
गनर
इंद्रसर
नरेश कुमार
सिपाही
भालोठ
बस्तीराम
ला. नायक
सिमनी
कृष्ण कुमार
ला. नायक
सातड़िया
सुरेशसिंह
सिपाही
सहड़
जगदीशसिंह
ला. नायक
जयपहाड़ी
हरफूलसिंह
सूबेदार
त्रिलोक का बास
मनीराम महला
हवलदार
सींथल
श्रीपालसिंह
सूबेदार
टीटनवाड़
रणवीरसिंह
सिपाही
मैनपुरा
हवासिंह
सिपाही
बासमाना
खड़गसिंह
सिपाही
नंगली गुजरान
भगवानसिंह
ला. नायक
ढ़ाणी बंधा की
कानसिंह
हवलदार
ध्यावा
प्रहलाद सिंह
नायक
दताऊ
प्रभुराम चोटिया
नायक
ईंदास
सुरेन्द्रसिंह चौहान
ग्रेनेडियर
शंखवास
अर्जुनराम
सिपाही
बुढ़ी
मूलाराम
सिपाही
कठोती
भंवरसिंह
नायक
हीरासनी
सुरेन्द्रसिंह शेखावत
नायक
हुड़ील
मंगेजसिंह
नायब सुबेदार
हरनावां
भंवरलाल
सुबेदार
थेबड़ी
भंवरसिंह
नायब सुबेदार
भैसाणा
मोहन काठात
ग्रेनेडियर
सौदपुरा