सालासर - सालासर मे स्थित सृजन सेवा सदन मे चमड़िया ग्रुप पुणे के द्वारा चल रही नौ दिवसीय श्रीराम कथा के सातवे दिन रविवार को कथावाचक स्वामी श्रवणानन्द सरस्वती महाराज ने भगवान श्रीराम और हनुमान जी महाराज के प्रंसंग सुनाए। कथावाचक ने बताया कि श्रीहनुमान चालीसा देखने में छोटा है किंतु इसका अर्थ बहुत गंभीर है। हनुमान चालीसा के प्रारंभ में आता कि श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि। वरनऊँ रघुवर विमल जसु, जो दायकु फल चारि॥ है। गुरुदेव के चरण कमल के समान हैं। कमल की शास्त्रों में बड़ी महिमा है। भगवान और भगवती के चरण एवं अंग-अंग को कमल के समान कहा है। महापुरुष कहते हैं कि कमल समान जीवन जियो। कमल का चिंतन हृदय को शीतलता प्रदान करता है। कमल कोमलता के अर्थ से भी है। कमल से रंग का भी संकेत है। कमल के गुण विशेष का भी अर्थ है। जले हुए घाव को कूटे हुए कमल के लेप से शीतलता मिलती है। भगवान श्रीराम के यश गाने से धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष के चार फल मिलेंगे जिससे जीवन सफल हो जाता है। स्तुति जब भी की जाए हृदय से की जाये और अर्थ िवचार पूर्वक की जाये। जब-जब हम अर्थ का अनुसंधान करके पाठ में प्रवेश पायेंगे हमारा भाव और बनेगा। जब समझ बढ़ती है तब रुचि बढ़ती है और रसानुभूति होने पर पाठ का पूर्णार्थ जीवनमें प्रकट होगा।
कथावाचक ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदासजी ने समय के सभी पहलू में सम रहने वाले रामजी के दर्शन किये थे। समय के चक्र में समता का व्यवहार करना सीखें। सुख-दुःख में, संयोग-वियोग में जो समता से नहीं जीता वह कभी सुखी नहीं रह सकता। ईश्वर भी जब संसार में शरीर धारण करके आते हैं तब उनके भी जीवन में परिवर्तन आता ही है।
कथा स्थल पर शिक्षा मंत्री व राज्य मंत्री मदन दिलावर पहुंचे। मंत्री के पहुंचने पर चमड़ियां ग्रुप के विष्णु चमड़ियां , पवन चमड़ियां, पिंटू चमड़ियां, भाजपा पूर्व जिलाध्यक्ष धर्मवीर पुजारी, भाजपा नेता पवन सिंह कुसुमदेशर, मनोज शर्मा, कुंभाराम ढूकिया, कमल अग्रवाल, महावीर प्रसाद राव, कैलाश पोद्दार, महावीर सिंह पार्वतीसर सहित अनेक लोगों ने माला पहनाकर स्वागत किया। मंत्री ने कथावाचक को माला पहनाकर आशीर्वाद लिया। चमड़ियां ग्रुप ने मंत्री को बालाजी महाराज का दुप्पटा ओढ़ाकर और बालाजी महाराज की तस्वीर भेंट कर सम्मानित किया। इस दौरान कथा में मंत्री सहित अनेक लोगों ने कथा सुनी।

कार्यक्रम के दौरान मंत्री दिलावर ने कथावाचक स्वामी श्रवणानन्द सरस्वती महाराज से सप्रेम भेंट की और आशीर्वाद प्राप्त किया और रामकथा के माध्यम से दिए जा रहे धार्मिक एवं सांस्कृतिक संदेशों की सराहना की। उन्होंने कहा कि रामकथा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि यह समाज को आदर्श जीवन जीने की प्रेरणा देने वाला संस्कार पर्व है।
मंत्री दिलावर ने इस अवसर पर कहा कि धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम समाज को एकता, सद्भाव और नैतिक मूल्यों की दिशा में अग्रसर करते हैं। उन्होंने आयोजकों द्वारा किए जा रहे सेवा कार्यों और सामाजिक योगदान की प्रशंसा की तथा कहा कि ऐसे आयोजन जनमानस में सकारात्मक सोच और भक्ति भावना का संचार करते हैं।

इसके पश्चात शिक्षा मंत्री बालाजी मंदिर पहुचे। मंत्री ने बालाजी महाराज के दर्शन कर पूजा अर्चना की। और प्रदेश मे खुशहाली की मनोकामना की। मंदिर मे पुजारी परिवार ने मंत्री को बालाजी महाराज का दुपट्टा औढाकर व बालाजी महाराज की तस्वीर भेंट कर स्वागत किया।