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नई शिक्षा नीति उदारीकरण व नीजिकरण की शुरूआत है - प्रो. सिदेश्वर शुक्ला

सालासर (राजस्थानलिंक.काॅम) - राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत का 62 वां दो दिवसीय प्रांतीय शैक्षिक सम्मेलन कंा आयोजन किया गया। प्रथम दिन सम्मेलन की शुरूवात झण्डारोहर व सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ किया गया। सांस्कृतिक प्रस्तुति अभिचेता कल्चरल एकेडमी सरदाशहर की सरकारी विद्यालय की छात्राओं ने दी। सम्मेलन के मुख्य अतिथि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा, प्रांतीय अध्यक्ष महावीर सिहाग, कांग्रेस जिलाध्यक्ष व सुजानगढ़ विधायक मनोज मेघवाल, रतनगढ विधायक पूसाराम गोदारा, संघर्ष समिति संयोजक पोखरमल, प्रांतीय संयुक्त मंत्री शुभकरण नैण, दिल्ली विश्वविद्यालय प्रोफेसर सिदेश्वर शुक्ला, एसटीएफआई पंजाब सचिव सुरेन्द्र कंबोज, जिला कार्यकारी अध्यक्ष सुरेन्द्र सीगड़, देवस्थान विभाग अध्यक्ष भंवरलाल पुजारी, सुरजाराम ढ़ाका, बनवारी कुल्हरी, दीनदयाल गुलेरिया, सांवरमल ढ़ाका, मघाराम माण्डिया, गुरूदेव गोदारा, रामचन्द्र गोदारा, रामजीलाल शर्मा, शिवपाल, शंकर मेघवाल सहित अनेक अतिथि मौजूद रहे।
सम्मेलन मे एसटीएफआई सचिव सुरेन्द्र कंबोज ने सम्बोधित करते हुए कहा कि राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत शिक्षा की एकता व संघर्ष का गौरवता का प्रतीक हैं शिक्षको की समस्या को लेकर यह सम्मेलन किया गया है। सर्व शिक्षा को बचाने के लिए एकजुट होकर संघर्ष करना होगा। शिक्षको की सबसे बड़ी मांग है कि एएनपी को रद्द किया जाये और शिक्षको को एनपीएस दिया जाये। कुछ दिनो पहले पंजाब मे बाढ से हुए ग्रस्ति लोगो की राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत ने मदद की थी।


कार्यक्रम के मुख्य वक्ता दिल्ली युनिवर्सिटी के प्रो. सिदेश्वर शुक्ला ने सम्बोधन मे कहा कि राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत देश की आजादी के समय से ही संचालित है। देश की आजादी व संविधान की तमाम मान्यताओ के लिए यह संघ है। सामवन्तवाद के खिलाफ ही महिलाओं का संगठन होता है। एक महिला पढ़ाती है तो पूरा समाज पढता है। सरकार ने नई शिक्षा नीति की घोषणा की थी। इस नई शिक्षा नीति के माध्यम से सरकार नवाचार लाने का प्रयास कर रही है। नई शिक्षा नीति उदारीकरण व नीजिकरण की शुरूवात है। केन्द्र सराकार देशभर में एनसीआरटी का कोर्स लागु करना चाहती है जिसमें शहीदों का वर्णन नही है राजस्थान शहीदों की भूमि है। नई शिक्षा नीति में इतिहास को तोड़ मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। यूपी में एक लाख सरकारी स्कूल बंद किये गये है। राजस्थान में भी एक नया माॅडल ला रहे है जिससे बहुत स्कूल बंद हो जायेगें। पीएमश्री स्कूल एक ऐसी व्यवस्था है जो जनता को दिखाया जाये की बहुत बेहतरी है। अब पूंजीपति लोग सरकार की नीति ही खरीद लेंगे। दिल्ली यूनिवर्सिटी पर बड़े बड़े पूंजीपति बोली लगा रहे है। नई शिक्षा नीति के तहत पूंजीपति लोग स्कूल काॅलेज यूनिवर्सिटी खरीद लेंगे। नई शिक्षा नीति में प्राइवेट टीचर लगाकर नाम मात्र की सैलेरी देंगे। देश को बुनियादी व्यवस्था की आवश्यकता है। अमेरिका सरकारी स्कूलों व भारत में प्राइवेट स्कूलों को बढ़ावा दिया जा रहा है। हमारे संगठन में सब पढ़े लिखे है, हम शिक्षकों को पूरा समाज नकल करता है हम इसको मुख्य धारा से नई धारा मंे तबदील कर देंगे। एक पीपीपी माॅडल चलाया गया है जिससे सब काम भामाशाहों के सहयोग से किये जा रहे है तो फिर क्या सरकारे ठेका से पैसा वसूल करने के लिए है क्या। केन्द्र सरकार का ध्यान सनातन, लेबर कोर्ट व नई शिक्षा नीति पर है।
प्रांतीय अध्यक्ष महावीर सिंहाग ने कहा नई शिक्षा नीति देश के खिलाफ है देश को बर्बाद कर देगी। तानाशाह सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़नी होगी। सविधान व लोकतंत्र को बचाना होगा।


मुख्य अतिथि राजस्थान कांग्रेस कमेटी के प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व शिक्षामंत्री गोविन्दसिंह डोटासरा ने प्रदेश में बीएलओ की हुई मौज पर उनको नमन करते हुए अपने उद्बोधन को प्रारम्भ किया। उन्होने कहा जब देश में संविधान व लोकतंत्र दोनो खतरे में आ जाये और शिक्षक सरकारों के खिलाफ आंदोलन करते है तो सोचनीय है। जिनका काम शिक्षा देना है उनका आंदोलन करना सरकार के लिए घातक है सरकार चाहे किसकी भी हो। हम आपकी मंशा पूरी नही कर पाये पर हमारे मन में कोई खोट नही था। सरकारे आती है जाती है पर उनका काम सबकी सुनने का है। राजस्थान में तो अब सरकार में तो सुनने के लाले पड़े हुए है। मदन दिलंावर पहला ऐसा शिक्षामंत्री है जो नवाचारों के लिए जो भी केन्द्र से बजट आता है तो उसकी फाइल सबसे पहले मंगवाता है।
सम्मेलन मे उपस्थित सभी ने नई शिक्षा नीति का विरोध किया। इनसे पहले प्रदेश महामंत्री उपेन्द्र शर्मा, विधायक मनोज मेघवाल, पुसाराम गोदारा, देवस्थान विभाग अध्यक्ष भंवरलाल पुजारी, महावीर शर्मा आदि ने भी सम्बोधित किया।
चूरू जिलाध्यक्ष विजय पोटलिया ने अंत में सम्मेलन में पहुंचे अतिथि व शिक्षक साथियों का आभार व्यक्त किया।  

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