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बरसाती पानी में बहे आपदा प्रबंधन के दावे, बरसाती पानी से गुजरी अंतिम यात्रा मौहल्लेवासियों के द्वारा धरना देने के पश्चात शुरू हुए पानी निकासी के प्रयास

सुजानगढ़ (मनीष सोनी) - मानसून से पहले होने वाली बैठकों में आपदा प्रबंधन को लेकर किए जाने वाले दावे बरसात शुरू होने के साथ पानी में बह जाते हैं। उच्चाधिकारियों के साथ बैठकों में बिना किसी योजना के किए गये दावों की हवा मानसून की पहली बरसात के बाद से लगातार निकलती जा रही है और नगरपरिषद के अधिकारी व कार्मिक अपने द्वारा पानी निकासी को लेकर किए जा रहे को लेकर अपने मुंह मिंया मिठ्ठू बन कर कोल्हू के बैल के समान लक्ष्य विहिन एक ही धूरी पर चल रहे हैं। पानी भराव क्षेत्रों में नगरपरिषद द्वारा आन्दोलन एवं प्रदर्शन के बाद पानी निकासी के लिए लगाये जा रहे अतिरिक्त संसाधन आग लगने पर कुआ खोदने की कवायद नजर आ रही है। नगरपरिषद क्षेत्र में बरसाती पानी के भराव क्षेत्रों के बारे में परिषद प्रशासन के पास जानकारी उपलब्ध होने के बावजूद उन भराव क्षेत्रों में से पानी निकासी के परिषद द्वारा अतिरिक्त प्रबंध नहीं किए जाते हैं और समस्या विकराल रूप ले लेती है तथा आमजन को सडक़ों पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ता है। लाडनूं रोड़ स्थित गैनाणी हो या चापटिया तलाई, वाल्मिकी बस्ती स्थित तलाई हो या दुलियां ताल अथवा रेलवे माल गोदाम के पीेछे सहित रेलवे पटरियों के पास का सम्राट होटल से लेकर खानपुर के रास्ते तक क्षेत्र को मानसून से पहले अतिरिक्त संसाधन लगा कर खाली करने के नगरपरिषद द्वारा कोई प्रयास नहीं किए जाते हैं, जिसका परिणाम यह होता है कि पहले से भरे हुए इन जलभराव के स्थानों में बरसाती पानी के लिए जगह नहीं होती है और बरसाती पानी सडक़ों पर पड़ा नगरपरिषद प्रशासन के दावों को घंटों तक मुंह चिढ़ाता रहता है। एक ओर सरकारें स्वच्छता व आपदा प्रबंधन के नाम पर करोड़ों रूपये नगरनिकायों के माध्यम से खर्च करने के दावे करती हैं, लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और ही है, ऐसी ही हकीकत से प्रतिवर्ष रूबरू होने वाले भौजलाई बास के लोगों ने मोक्षधाम के बाहर धरना प्रदर्शन करने के साथ ही आयुक्त का घेराव किया। हुआ यूं कि मौहल्ले के राशन डीलर शेखर चंद प्रजापत का मंगलवार शाम को निधन हो गया था, बुधवार सुबह उनकी शव यात्रा चापटिया मोक्षधाम आनी थी। नेता प्रतिपक्ष जयश्री दाधीच एवं उनके प्रतिनिधि कमल दाधीच द्वारा मंगलवार को हुई बरसात के बाद लगातार फोन करने के बाद भी नगरपरिषद ने सुध नहीं ली और बरसाती पानी की निकासी के लिए कोई प्रबंध नहीं किए। जिस पर बुधवार सुबह मौहल्लेवासियों ने नेता प्रतिपक्ष जयश्री दाधीच के नेतृत्व में चापटिया मोक्षधाम के दरवाजे पर धरना शुरू कर दिया। जिसकी जानकारी मिलने पर नगरपरिषद द्वारा सफाई निरीक्षक कलजीतसिंह को भेज कर पानी निकासी के लिए पम्पसेट लगाया गया और देखते ही देखते तीन गुल्ली मशीनों एवं तीन टैंकर लगा कर पानी की निकासी के प्रयास शुरू कर दिए गए। वहीं दूसरी ओर पानी की निकासी नहीं होने के कारण शव यात्रा को गंदे पानी से गुजरने को मजबूर होना पड़ा। जिसे लेकर मौके पर पंहूचे आयुक्त सोहनलाल नायक का मौहल्लेवासियों ने घेराव किया और उनके खिलाफ जम कर नारेबाजी करने लगे। सुबह से चल रहे धरना प्रदर्शन एवं घेराव के दौरान मौहल्ले के पुरूषों के साथ महिलाओं ने आयुक्त से सवाल जवाब किए तथा मौके पर सभापति को बुलाने की मांग की। लेकिन सभापति नहीं आई तथा आयुक्त सोहनलाल नायक ने पानी निकासी के माकूल प्रबंध करने एवं एक अतिरिक्त पम्प सेट लगाने का आश्वासन दिया तथा तलाई पर लगे कचरे के पहाड़ोंं को भी शीघ्र ही वहां से हटाने का वादा किया। जिस पर मौहल्लेवासियों ने धरना समाप्त किया। धरना व प्रदर्शन के दौरान नेता प्रतिपक्ष जयश्री दाधीच के नेतृत्व में पार्षद दीनयाल पारीक, मनोज पारीक, पुरूषोतम शर्मा, हरिओम खोड़, पार्षद प्रतिनिधि गणेश मण्डावरिया, एड. मनीष दाधीच, कमल दाधीच, रविन्द्र पांडे, प्रेम स्वामी, नरेन्द्र गुर्जर, आशीष चोटिया, शिव कुमार चौहान, भीकमचंद जोशी, राजकुमार पारीक, रतनलाल नायक, नरेन्द्र होदकासिया, अभिषेक कौशिक, कपिल पारीक, बजरंगलाल प्रजापत, वेदप्रकाश जांगीड़, सांवरमल, जगदीश जांगीड़, सुनीता प्रजापत, भावना स्वामी, जीवणी, मंजू जांगीड़, देवकी प्रजापत, शांति सोनी सहित मौहल्ले के अनेक महिला पुरूष उपस्थित थे। आपकों बतादें कि चापटिया मोक्षधाम के पास शिव मंदिर, गौशाला, सती माता मंदिर, राजकीय नवीन उच्च प्राथमिक विद्यालय, रैगर व नायक समाज का मोक्षधाम, कब्रिस्तान भी है। लेकिन पानी भराव के कारण छात्राओं को स्कूल आने के लिए और मौहल्लेवासियों को मंदिर में पूजा करने के साथ अंतिम यात्रा के लिए आने वालों को पानी निकासी के समूचित प्रबंध नहीं होने के कारण गंदे पानी से गुजरना पड़ता है। देखते हैं आयुक्त महोद्य द्वारा किऐ गये दावे और आश्वासन कितनी दूर तक चलते हैं या मानसून पूर्व आपदा प्रबंध को लेकर उच्चाधिकारियों के समक्ष बिना तैयारी के किए गये दावों की तरह ये भी किसी बरसाती पानी में बह जायेंगे। आयुक्त महोद्य द्वारा किए गये दावे कब तक हकीकत बनेंगे इसका मौहल्लेवासियों को इंतजार रहेगा। 

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