सुजानगढ़ (मनीष सोनी) - साहित्य अकादमी नई दिल्ली ने अनुवाद पुरूस्कार के लिए युवा साहित्यकार डॉ. घनश्यामनाथ कच्छावा का चयन किया है। प्रेस विज्ञप्ति जारी कर अकादमी के सचिव डॉ. के.श्रीनिवास राव ने बताया कि डॉ. घनश्यामनाथ कच्छावा को यह पुरस्कार उनकी अनुवाद पुस्तक ‘‘घरबायरो’’ पर घोषित किया गया है। असमिया भाषा के लेखक सैयद अब्दुल मलिक के पुरस्कृत उपन्यास ‘‘अघरि आत्मर कहिनी’’ का राजस्थानी में डॉ. घनश्याम नाथ कच्छावा ने अनुवाद किया हैं। यह पुरस्कार एक जनवरी 2014 से 31 दिसम्बर 2018 के मध्य प्रकाशित पुस्तकों के चयन समिति द्वारा चयन करने पर घोषित किया गया है। अनुवाद पुरस्कार में पचास हजार रूपये का चैक व स्मृति चिन्ह समारोह में प्रदान किया जाएगा। डॉ. घनश्यामनाथ कच्छावा को अनुवाद पुरस्कार घोषित होने पर जिले के साहित्यकारों ने हर्ष व्यक्त किया हैं। ज्ञातव्य है कि डॉ.घनश्यामनाथ कच्छावा की ठूंठ, मेरी इक्यावन लघुकथाएं, जीवण रा चितराम, मां-बाप, घरबायरौ, अटकळ, आधुनिक भारतीय कविता संचयन सिंधी व भारतीय साहित्य के निर्माता-कन्हैयालाल सेठिया प्रकाशित हुई हैं।