सुजानगढ़ (मनीष सोनी) - जैन समाज के पर्यूषण पर्व में एक ही परिवार की तीन पीढ़ी एक साथ संयम, तप एवं त्याग की तपस्या कर रही है। तपन जैन ने बताया कि जैन समाज के भामाशाह स्व. मिश्रीलाल बगड़ा की धर्मपत्नी ललितादेवी अपने धर्मानुरागी समाजसेवी पुत्र एवं पुत्र वधु नवीन-विनीता देवी एवं सुपौत्री कीर्ति बगड़ा के साथ दशलक्षण व्रत की साधना की ओर अग्रसर है। नीलम कुमार गंगवाल ने बताया कि संयम तप और त्याग का महापर्व पर्वाधिराज पर्युषण पर्व कर्म निर्जरा का एक अनुपम मार्ग है। इस मार्ग पर चलने से जीव मोक्ष मार्ग की ओर अग्रसर होता है।