सालासर - सालासर बालाजी मंदिर संस्थापक संत शिरोमणि मोहनदास महाराज के समाधि दिवस पर शुक्रवार को 231वां श्राद्ध महोत्सव मनाया गया। इस दौरान आसपास के क्षेत्रों से आए श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। हनुमान सेवा समिति अध्यक्ष सत्यप्रकाश पुजारी ने बताया कि संवत 1850 को वैशाख मास त्रयोदशी के दिन संत मोहनदास महाराज ने जीवित समाधि ली थी। इसलिए हर वर्ष इस दिन को महोत्सव मनाया जाता है। बालाजी मंदिर परिसर, ब्रह्मपुरी हॉल व दो नंबर मेला ग्राउंड में प्रसाद वितरित किया गया।
निकेश पुजारी ने बताया की संत शिरोमणि मोहनदास महाराज के श्राद्ध पर कुल 22 टन प्रसाद तैयार किया गया, जिसमें हलवा, सुसवा, पंच मेला सब्जी शामिल थी। 100 से अधिक सेवादारों ने 24 घंटे में प्रसाद तैयार किया जिसे पुजारी परिवार, ग्रामीणों व विभिन्न संस्थाओं के सहयोग से 30 हजार श्रद्धालुओं को वितरित किया गया।

भजन संध्या का हुआ कार्यक्रम -
बालाजी मंदिर परिसर मे गुरूवार रात जागरण लगाया गया, जिसमें झारिया धाम चूरू के आकाशनाथ महाराज व पुजारी परिवार के सदस्यों ने बालाजी महाराज सहित अन्य देवी-देवताओं के भजनों की प्रस्तुतियां दी। जागरण मे कलाकारो ने मेरे आंगना मे आओ बालाजी महाराज, थे हरि का प्यारा हो सिपाही, धन्य थारि अंजना माता, हरि का नाम ले ले रे भगत, बालाजी म्हारे कीर्तिन मे आओ, मेह तो मोहनदास मनाहीसा, प्रभु के बिना क्या जीना सहित अनेक भजनो की प्रस्तुति दी। इस मौके पर पवन पुजारी, मनोहर पुजारी, राजाराम पुजारी, रोहित पुजारी सम्पत पुजारी, अर्जुन पुजारी, सिद्धार्थ पुजारी आदि भजन कलाकारो ने भजन प्रसतुत किए।
संतो ने श्राद्ध का प्रसाद ग्रहण किया -
सिद्धपीठ सालासर धाम मे मोहनदास जी महाराज के श्राद्ध के अवसर पर कई संतो ने भी प्रसाद ग्रहण किया। संत शिरोमणी मोहनदास जी महाराज के श्राद्ध महोत्सव मे श्रीअग्रपीठाधीश्वर एवं मलूक पीठाधिशवर स्वामी राजेन्द्र दास देवाचार्य महाराज, राजराजेश्वर नन्द गिरि महाराज सहित अनेक संतो ने सालासर पंहुच कर बालाजी महाराज के दर्शन कर पूजा की। और श्राद्ध का अमृत प्रसाद ग्रहण किया।