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सालासर मे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष पर मनाया विजयादशमी उत्सव व शस्त्र पूजन

सालासर – श्रीमती त्रिवेणी देवी धानुका उच्च माध्यमिक आदर्श विद्या मंदिर सालासर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा सालासर मे संघ के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में विजयादशमी एवं शस्त्र पूजन का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में गणवेशधारी स्वयंसेवक, मातृशक्ति व सज्जन शक्ति उपस्थित रहे। अनुशासन और उत्साह से परिपूर्ण यह आयोजन विविध गतिविधियों से सुसज्जित रहा। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता जिला प्रचारक गिरेन्द्र सिंह ने बताया कि विजयादशमी अधर्म पर धर्म की,असत्य पर सत्य की, अन्याय पर न्याय की विजय का प्रतीक है। संघ के दृष्टिकोण से भी यह पर्व विशेष महत्व रखता है। यह हमें संगठित होकर समाज में बुराइयों से लड़ने, राष्ट्रनिर्माण में भागीदार बनने और एक सशक्त, संस्कारित राष्ट्र के निर्माण का संदेश देता है। संघ की 100 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पर प्रकाश डालते हुए पंच परिवर्तन विषय पर विचार प्रस्तुत किए।

उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता: समाज में भेदभाव समाप्त कर सभी को समानता और सम्मान के साथ जोड़ना ही राष्ट्रनिर्माण की नींव है। कुटुंब प्रबोधन: परिवार ही संस्कारों की प्रथम पाठशाला है, अतः परिवार स्तर पर जागरूकता और शिक्षा पर बल देना आवश्यक है। पर्यावरण संरक्षण: प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और पर्यावरण संतुलन आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है स्वदेशी: स्थानीय उत्पादों और भारतीय परंपराओं को अपनाकर आत्मनिर्भरता की दिशा में कार्य करना ही राष्ट्र को सशक्त बनाएगा। नागरिक कर्तव्य: अधिकारों के साथ-साथ नागरिक कर्तव्यों का पालन करना प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि संघ इन पंच परिवर्तनों को समाज में व्यावहारिक रूप से स्थापित करने की दिशा में कार्यरत है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री नेम नारायण पुजारी ने हिंदुओं को संगठित होकर राष्ट्रहित में कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि “संघठन में शक्ति है और यही राष्ट्र की प्रगति का मार्ग प्रशस्त करता है। 

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